Ads Code

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 2- राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद हिंदी

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 2- राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद हिंदी

NCERT Class 10 Hindistudents will love Chapter 2 of Kshitij, featuring Tulsidas. It's a great chapter in our syllabus. Tulsidas beautifully tells the story of Lord Ram talking to Parshuram. To get it better, check out the Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Tulsidas NCERT Solutions. These answers, made by smart people, follow the CBSE Class 10 Hindi rules, making it easier for you to understand and prepare.

Imagine it like this: it's like a cool adventure into a story about Lord Ram and Parshuram. Tulsidas, the storyteller, is super good at making it interesting. The NCERT Solutions are like a guidebook made by experts, helping you understand everything and get ready for your exams. So, Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Tulsidas is like a fun journey through a story, and the guidebook (NCERT Solutions) makes sure you don't get lost and understand everything easily. It's like having a map for a cool adventure!.

कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 2 - तुलसीदास के लिए एनसीईआरटी समाधान PDF डाउनलोड

कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 2तुलसीदास इस सिलेबस में अध्ययन के लिए एक उत्कृष्ट अध्याय है। इस अध्याय में भगवान राम और परशुराम के बीच हुई बातचीत को तुलसीदास ने बहुत रूप से चित्रित किया है। इस अध्याय के संदर्भ को समझने के लिए, विशेषज्ञों द्वारा संकलितकक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 2 तुलसीदास एनसीईआरटी समाधानपर ध्यान केंद्रित करें। इन उत्तरों को सीबीएसई कक्षा 10 हिंदी मानकों के अनुसार तैयार किया गया है ताकि समझना और तैयारी करना आसान हो।

Class:

NCERT Solutions for Class 10

Subject:

Class 10 Hindi

Title : class 10 hindi ram lakshman parshuram samvad question answer

Subject Part:

Hindi Part 2 - Kshitij

Chapter Name:

Chapter 2 - Tulsidas

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2023-24

Medium:

English & Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 2 राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद

पृष्ठ संख्या: 14

प्रश्न अभ्यास 

1. परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए?
उत्तर : 
परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने पर निम्नलिखित तर्क दिए -
• श्री राम ने इसे नया और मजबूत समझ कर सिर्फ छुआ था परन्तु धनुष बहुत पुराना और कमजोर होने के कारण हाथ लगाते ही टूट गया|
• बचपन में भी उनलोगों ने कई धनुहियाँ तोड़ी हैं, तब परशुराम क्रोधित नहीं हुए?
• हमें ये धनुष साधारण धनुष लगा|
• इस धनुष के टूटने पर उन्हें कोई लाभ-हानि नहीं दिखती|

2. परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुईं उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर : 
राम बहुत शांत और धैर्यवान हैं| परशुराम के क्रोध करने पर राम विनम्रता के साथ कहते हैं कि धनुष तोड़ने वाला कोई उनका दास ही होगा| वे मृदुभाषी होने का परिचय देते हुए अपनी मधुर वाणी से परशुराम के क्रोध को शांत करने का प्रयास करते हैं| अंत में आँखों से संकेत कर लक्ष्मण को शांत रहने को कहते हैं|
दूसरी ओर लक्ष्मण का स्वभाव उग्र है| वह व्यंग्य करते हुए परशुराम को इतनी छोटी सी बात पर हंगामा नहीं करने के लिए कहते हैं| वे परशुराम के क्रोध की चिंता किये बिना अपशब्दों को प्रयोग ना करने को कहते हैं| वह उनके क्रोध को अन्याय समझते हैं इसीलिए पुरजोर विरोध करते हैं|

पृष्ठ संख्या: 15

3. लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में लिखिए।
उत्तर :
परशुराम - शिवजी का धनुष तोड़ने का दुस्साहस किसने किया है?
राम - हे नाथ! इस शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला अवश्य ही आपका कोई दास ही होगा|
परशुराम - सेवक वह होता है जो सेवा का कार्य करे| किन्तु जो सेवक शत्रु के सामने व्यवहार करे उससे तो लड़ना पड़ेगा| जिसने भी धनुष तोड़ा है वह मेरे लिए दुश्मन है और तुरंत सभा से बाहर चला जाए अन्यथा यहाँ उपस्थित सभी राजा मारे जायेंगें|

4. परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्यांश के आधार पर लिखिए -
बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही||
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही||
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा||
मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर||

उत्तर : 
परशुराम ने अपने विषय में ये कहा कि वे बाल ब्रह्मचारी हैं और अतिक्रोधी स्वभाव के हैं। सारा संसार उन्हें क्षत्रियकुल के नाशक के रूप में जानता है। उन्होंने कई बार भुजाओं की ताकत से इस धरती को क्षत्रिय राजाओं से मुक्त किया है और ब्राह्मणों को दान में दिया है| लक्ष्मण वे अपना फरसा दिखाकर कहते हैं कि इस फरसे से उन्होंने सहस्त्रबाहु के बाहों को काट डाला था। इसलिए वह अपने माता-पिता चिंतित ना करे| उनका फरसा गर्भ में पल रहे शिशुओं का नाश कर देता है।

5. लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?
उत्तर : 
लक्ष्मण ने वीर योद्धा की निम्नलिखित विशेषताएँ बताई है -
• वीर योद्धा स्वयं अपनी वीरता का बखान नहीं करते अपितु दूसरे लोग उसकी वीरता का का बखान करते हैं|
• वे युद्धभूमि में अपनी वीरता का परिचय साहसपूर्वक देते हैं|
• वीर योद्धा शांत, विनम्र, क्षमाशील, धैर्यवान, बुद्धिमान होते हैं|
• वे खुद पर अभिमान नहीं करते हैं|
• वह दूसरों को आदर देते हैं|

6. साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर : 
साहस और शक्ति द्वारा हम अनेक काम पूरा कर सकते हैं| हालांकि इसमें अगर विनम्रता भी जुड़ जाए तो बेहद कारगर साबित होता है| विनम्रता हमें संयमित बनाती है जिससे व्यक्ति को आंतरिक ख़ुशी मिलती है| विनम्रता के भाव से विपक्षी भी उस व्यक्ति का आदर करते हैं| यह व्यक्ति कार्य को और सुगम बनती है|

7. भाव स्पष्ट कीजिए -
(क) बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी||
       पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू। चहत उड़ावन फूँकि पहारू||

उत्तर : 
इन पंक्तियों में लक्ष्मण अभिमान में चूर परशुराम स्वभाव पर व्यंग्य किया है| लक्ष्मण मुस्कुराते हुए कहते हैं कि आप मुझे बार-बार इस फरसे को दिखाकर डरा रहे हैं| ऐसा लगता है मानो आप फूँक मारकर पहाड़ उड़ाना चाहते हों|

(ख) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं||
      देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना||

उत्तर : 
इन पंक्तियों में लक्ष्मण ने परशुराम के अभिमान को चूर करने के लिए अपनी वीरता को बताया है| वे कहते हैं कि हम कुम्हड़े के कच्चे फल नहीं हैं जो तर्जनी के दिखाने से मुरझा जाता है| यानी वे कमजोर नहीं हैं जो धमकी से भयभीत हो जाएँ| वह यह बात उनके फरसे को देखकर बोल रहे हैं| उन्हें स्वयं पर विश्वास है|

(ग) गाधिसू नु कह हृदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ।
     अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ||

उत्तर : 
इन पंक्तियों में विश्वामित्र मन ही मन मुस्कराते हुए सोच रहे हैं कि परशुराम ने सामन्य क्षत्रियों को युद्ध में हराया है तो इन्हें हरा-ही-हरा नजर आ रहा है| राम-लक्ष्मण को साधारण क्षत्रिय नहीं हैं| परशुराम इन्हें गन्ने की बनी तलवार के समान कमजोर समझ रहे हैं पर असल में ये लोहे की बनी तलवार हैं| परशुराम के अहंकार और क्रोध ने उनकी बुद्धि को अपने वश में ले लिया है|

8. पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा सौंदर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर : 
• यह काव्यांश तुलसीदास द्वारा लिखित रामचरितमानस के बालकांड से ली गयी जो अवधी भाषा में लिखी गई है। • इसमें तत्सम शब्दों का प्रयोग भरपूर मात्रा में किया गया है|
• इसमें दोहा, छंद, चौपाई का अच्छा प्रयोग किया है।
• भाषा में लयबद्धता है|
• प्रचलित मुहावरे और लोकक्तियाँ ने काव्य को सजीव बनाया है|
• वीर और रौद्र रस का प्रयोग मुख्य से रूप किया गया|
• कहीं-कहीं शांत रस का भी उपयोग हुआ है|
• अनुप्रास, उपमा, रुपक, उत्प्रेक्षा व पुनरुक्ति अलंकार का सुयोजित ढंग से प्रयोग हुआ है|
• व्यंग्यों का प्रयोग अनूठा है|
• प्रसंगानुकूल भाषा का प्रयोग किया गया है|

9. इस पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौंदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : 
तुलसीदास द्वारा रचित परशुराम - लक्ष्मण संवाद मूल रूप से व्यंग्य काव्य है। उदाहरण के लिए -

• बहु धनुही तोरी लरिकाईं।
कबहुँ न असि रिसकीन्हि गोसाईं||
लक्ष्मण परशराम से कहते हैं कि हमने बचपन में भी इस जैसी कई धनुहियाँ तोड़ीं हैं परन्तु तब आप हम पर इतने क्रोधित नहीं हुए|

• मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर॥
परशुराम जी क्रोधित होकर लक्ष्मण से कहते हैं कि अरे राजा के बालक! तू अपने माता-पिता के बारे में सोच| यह जो मेरा फरसा बहुत भयानक है, यह गर्भ में पल रहे बच्चों का भी नाश कर देता है|

• अपने मुँह तुम्ह आपनि करनी|
बार अनेक भाँति बहु बरनी||
परशुराम द्वारा की जा रही खुद की बड़ाई को लक्ष्मण अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनाना कहते हैं|

• मिले न कबहूँ सुभट रन गाढ़े|
द्विजदेवता घरहि के बाढ़े||
लक्ष्मण कहते हैं कि आपका सामना कभी योद्धाओं से नहीं हुआ इसीलिए आप घर के शेर हैं|

10. निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए -

(क) बालकु बोलि बधौं नहि तोही।
अनुप्रास अलंकार - 'बालकु बोलि बधौं' में 'ब' वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति हुई है।

(ख) कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा।
• अनुप्रास अलंकार - कोटि कुलिस में 'क' वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति हुई है।
• उपमा अलंकार - कोटि कुलिस सम बचनु में उपमा अलंकार है चूँकि परशुराम जी के वचनों की तुलना वज्र से की गयी है और वाचक शब्द 'सम' का प्रयोग किया गया है|

(ग) तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा।
       बार बार मोहि लागि बोलावा||
• उत्प्रेक्षा अलंकार - 'काल हाँक जनु लावा' में उत्प्रेक्षा अलंकार है। यहाँ 'जनु' वाचक शब्द है।
• पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार - 'बार-बार' में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। क्योंकि बार शब्द की दो बार आवृत्ति हुई पर अर्थ भिन्नता नहीं है।

(घ) लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु।
     बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु||
• उपमा अलंकार
→ लक्ष्मण के उत्तर आहुति के समान और वाचक शब्द 'सरिस' के कारण 'आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु' में उपमा अलंकार है।
(ii) जल सम बचन में भी उपमा अलंकार है क्योंकि भगवान राम के मधुर वचन जल के समान कार्य रहे हैं और वाचक शब्द 'सम' का प्रयोग हुआ है।
2. रुपक अलंकार - रघुकुलभानु में रुपक अलंकार है चूँकि श्री राम के गुणों की समानता सूर्य से की गई है।

राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद - पठन सामग्री और भावार्थ

Class 10 Hindi Chapter 2: Vyakhya

Unfortunately, without specific information on the content of Chapter 2, I cannot provide a detailed explanation. If you have any specific questions or topics from the chapter, feel free to ask.

Ram Lakshman Parshuram Samvad Summary

The "Ram Lakshman Parshuram Samvad" is a significant episode in the Ramayana where Lord Ram, Lakshman, and Parshuram engage in a dialogue. This encounter unfolds as Parshuram challenges Ram to string the divine bow of Lord Shiva, and only Ram succeeds. The Samvad highlights the prowess and humility of Lord Ram.

Class 10 Hindi Tulsidas Question Answer

Questions related to Tulsidas's works may vary. If you have specific questions or need help with analysis or interpretation, please provide more details, and I'll do my best to assist you.

Chapter 2 Hindi: Laxman Parshuram Samvad

This chapter likely explores the conversation between Lakshman and Parshuram. If you have specific questions or need a summary, please provide more details, and I'll try to help.


  • FAQs : NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 (पाठ 2- राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद हिंदी) - Tulsidas PDF Download
    1. Where can I find reliable NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 - Tulsidas in PDF format for download?

      You can visit www.testcopy.in and navigate to the "Class 10 Hindi Kshitij" section to find and download the PDF for Chapter 2 - Tulsidas.

    2. Is the PDF download for NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 - Tulsidas free of cost?

      Yes, the PDF download for NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 - Tulsidas is available for free.

    3. Are these NCERT Solutions suitable for all boards or specifically designed for a particular one?

      The NCERT Solutions provided are suitable for all boards that follow the NCERT curriculum for Class 10 Hindi Kshitij.

    4. Do the NCERT Solutions cover the entire Chapter 2 - Tulsidas comprehensively, including all topics and exercises?

      Yes, the NCERT Solutions comprehensively cover all topics and exercises from Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 - Tulsidas.

    5. Can I access the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 - Tulsidas PDF download on mobile devices as well?

      Absolutely, the platform is designed to be mobile-friendly, allowing you to access and download the PDF on your mobile devices.

    6. Are there any additional study materials or resources included in the PDF apart from the solutions?

      Yes, additional study materials and resources are provided in the PDF to enhance your understanding of Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 - Tulsidas.

    7. How frequently are the NCERT Solutions updated, and is there information on the publication date of the PDF download?

      The NCERT Solutions are regularly updated, and the publication date of the PDF download is clearly mentioned on the website.

    8. Are the solutions provided in a student-friendly language, making it easy to understand and grasp the concepts?

      Yes, the solutions are presented in a student-friendly language to ensure easy understanding and comprehension of the concepts.

    9. Are there any interactive elements or multimedia resources included in the PDF for better learning engagement?

      Yes, interactive elements and multimedia resources are included in the PDF to enhance learning engagement for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 - Tulsidas.

    10. Is there a step-by-step guide on how to use the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 - Tulsidas PDF effectively for exam preparation?

      Absolutely, a step-by-step guide is provided on how to effectively use the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 - Tulsidas in your exam preparation.

    Post a Comment

    0 Comments
    * Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.